The smart Trick of Subconscious Mind That No One is Discussing



माताजी (गुरु गंभीर वाणी में)-- तो तुम प्रशन नहीं बदलोगे ,हाँ हाँ ,मेरे बेटे , कई ,बार में सद गुरु देव जी से अभी भी मिलती हूँ, भौतिक स्वरुप में ही उनके.

And also your presence as a follower will likely be extremely encouraging for us, and also advise other gurubhai far too .I am waiting for that)

कि हमें भी दिन में एक बार जरूर याद करना।

प्यार करते हैं तुमसे कितना दिखा ना सके;

मेरी आवारगी में कुछ क़सूर अब तुम्हारा भी है,

मुश्किल है हमारे लिए प्यार भुलाना तेरा।

कमब्खत साँस भी तो उसकी याद के बाद आती है।

आँखें बंद करके रोता हूँ तो लगता है तुझे मैं रोया नहीं;

ज़िंदगी अक्सर कुछ पाने के website लिए नहीं होती;

कदम रुक जायेंगे खुद, सफर जहाँ खत्म होगा;

Tap into your Resourceful aspect and tune into your accurate intentions with guidance in making a mixed media affirmation journal at createmixedmedia.

वह क्षण आ गया , माताजी अपने घर से बाहर आ रही थी ,मैं उनके दिव्या चरण कमलो के स्पर्ष करने के लिए आगे बढा,मुझे आते देख कर ,वे रुक गयी, जब मैंने उनके चरण कमल का स्पर्श किया तो उन्होंने मुस्कुराते हुए पूछा बेटा कहाँ से आया हैं , मैंने हाथ जोड़े हुए उन्हें उत्तर दिया माँ मैं .

तेरी याद शाख-ऐ-गुलाब है, जो हवा चली तो महक गई!

अभी मशरूफ हूँ काफी कभी फुर्सत में सोचूंगा;

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *